A Shivir was organised for the Pracharaks of HPS on 16th Feb 2019 in which Pracharaks associated with the classes conducted by the HPS participated. They were given guidance by Dr Sushila Gupta, OSD.
16 नवंबर 2019 को हिन्दुस्तानी प्रचार सभा द्वारा प्रचारकों के लिए शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें सभा द्वारा आयोजित कक्षाओं से जुड़े प्रचारकों ने भाग लिया था। डॉ. सुशीला गुप्ता, विशेष कार्य अधिकारी ने उपस्थित प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।
We have also completed the work of establishing libraries in the Central Prisons of Bihar. The first inauguration was done there on 18th Feb 2019 in the presence of IG, Prisons Mr. Mithilesh Mishra, Bihar and Mr. Sanjiv Nigam, HPS . ON this occasion the IG declared that every day one hour from 9 to 10 in the morning will be reserved for the prisoners for study of the books. Mr. Rakesh Kumar Tripathi, HPS was also present along with other senior police officials.
बिहार के कारागार में पुस्तकालय शुरु करने का कार्य हमने पूरा कर लिया है। प्रथम पुस्तकालय का उद्घाटन 18 फरवरी 2019 को वहाँ के अतिरिक्त पुलिस उपनिरीक्षक श्री मिथिलेश मिश्र तथा श्री संजीव निगम, निदेशक (कार्यक्रम) की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर आईजी ने घोषणा की कि हर दिन सुबह 9 से 10 बजे तक का समय कैदियों के लिए किताबों के अध्ययन हेतु आरक्षित होगा। श्री राकेश कुमार त्रिपाठी, हिन्दुस्तानी प्रचार सभा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ उपस्थित थे।
Mr. Feroze Patch attended a meeting called by the ADG [prisons], Maharashtra of all the NGOs working with the Central Prisons of the state.
During the meeting opening of libraries by HPS in various Jails was highly appreciated. Some more areas of mutual cooperation were also discussed. Mr. Patch was accompanied by Mr. Rakesh Kumar Tripathi.
महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा जेल के लिए कार्यरत सभी संस्थाओं के अधिकारियों की एक बैठक पुणे में आयोजित की गई जिसमें सभा के न्यासी व मानद सचिव श्री फिरोज पैच ने हिस्सा लिया।
सभा द्वारा विभिन्न जेलों में खोले जा रहे पुस्तकालयों की बैठक के दौरान बहुत सराहना की गई। सभा द्वारा कुछ और क्षेत्रों पर सहायता हेतु चर्चा की गई। श्री पैच के साथ श्री राकेश कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
On 7th Feb 2019, an extempore speaking competition was organised for the students of the HPS in our premises.
7 फरवरी 2019 को हिन्दुस्तानी प्रचार सभा के परिसर में सभा तथा सरल हिन्दी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।
This time Gandhi Nirwan Diwas on 30th January 2019 was celebrated by organizing an Inter College Elocution Competition in which 2 participants from each of the 12 participating colleges took part.
The prize winners were awarded at the hands of Mr. Feroze Patch, Trustee & Hon Secretary, Hindustani Prachar Sabha.
इस बार 30 जनवरी 2019 को गाँधी निर्वाण दिवस को एक अंतरमहाविद्यालयीन वाक् स्पर्धा का आयोजन करके मनाया गया, जिसमें 12 कॉलेजों में से प्रत्येक कॉलेज के 2 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पुरस्कार विजेताओं को श्री फिरोज पैच, न्यासी और मानद सचिव के हाथों सम्मानित किया गया।
In its endeavor to organize such programmes which are socially relevant, the HPS organised a workshop on Mental Health Literacy on 12th January 2019 which was aimed at sensitizing the teachers about the mental problems faced by the students. The workshop was conducted by eminent Psychologist Dr. Ruksheda Syeda. She gave a detailed presentation to around 40 teachers from different schools who attended the workshop. The participants found this workshop highly useful. The workshop was conducted through Hindustani which was also highly appreciated.
सामाजिक रूप से प्रासंगिक ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने के अपने प्रयास में हिन्दुस्तानी प्रचार सभा ने 12 जनवरी 2019 को मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जिसका उद्देश्य छात्रों को होने वाली मानसिक समस्याओं के बारे में शिक्षकों को जागरूक करना था। कार्यशाला का संचालन प्रख्यात मनोचिकित्सक डॉ. रुक्षेदा सैयदा ने किया। उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने वाले विभिन्न स्कूलों के लगभग 40 शिक्षकों को एक विस्तृत प्रस्तुति दी। प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को अत्यधिक उपयोगी बताया। यह कार्यशाला हिंदुस्तानी के माध्यम से आयोजित की गई जिसे काफी सराहा गया।
दिनांक 7-2-2019 को हिन्दुस्तानी प्रचार सभा द्वारा आयोजित सरल हिन्दी पाठ्यक्रम के विभिन्न कॉलेजों और केन्द्र के तीस विद्यार्थियों ने आशुभाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। अपने समापन भाषण में डॉ. सुशीला गुप्ता ने कहा कि तीन मिनट की परीक्षा दरअसल ज़िन्दगी का इम्तहान है, जिसमें हमें अनेक परिस्थितियों में अपनी बात रखनी पड़ती है। ज़रूरी नहीं कि हमेशा तैयारी का म़ौका मिले। प्रतियोगिता में विक्रम विश्वकर्मा (सोमैया कॉलेज) को प्रथम, शब्बो ख़ान (सोफिया कॉलेज) को द्वितीय, आकांक्षा चौबे (श्ऱॉफ कॉलेज) को तृतीय और सुप्रिया गांवकर (हिन्दुस्तानी प्रचार सभा) तथा अन्नू सोनी (खालसा कॉलेज) को प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाज़ा गया। प्रथम पुरस्कार विजेता विक्रम विश्वकर्मा के वक्तव्य को सभी प्रतिभागियों और दर्शको द्वारा बहुत सराहा गया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। श्री राजेन्द्र रावत, श्री सरोज त्रिपाठी और श्रीमती संध्या पाण्डेय ने निर्णायक की भूमिका निभायी । श्रीमती रोहिणी आचरेकर ने कार्यक्रम का संचालन किया और जनाब सैयद अली अब्बास ने आभार-प्रदर्शन किया। 'सभा' के सहकर्मियों के सक्रिय सहयोग से कार्यक्रम सफल रहा।
16-2-2019 को 'हिन्दुस्तानी प्रचार सभा' द्वारा (मानव विकास मंत्रालय, नई दिल्ली के सहयोग से) प्रचारक शिविर संपन्न हुआ। 'सभा' की विशेष कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुशीला गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि महात्मा गाँधी चाहते थे कि हम 'हिन्दुस्तानी' का मतलब आसान हिन्दी व उर्दू सभी सीखें। शिविर में उन्होंने बताया कि शिक्षकों की भी प्रतिबद्धता महत्त्वपूर्ण होती है। उनको विद्यार्थियों का जीवन सँवारना होता है। विद्यार्थियों को यकीन दिलाना होता है कि उनका भविष्य सही हाथों में है।
अल़फलाह हाईस्कूल, मलाड के प्रिंसिपल ज़नाब मोहम्मद ताहिर शाह ने कहा कि शिक्षण-व्यवस्था शिक्षकों के लिए एक मिशन है, प्रोफेशन नहीं है। इसमें हमें तब्दीली ज़रूर करनी चाहिए। साथ-साथ नयी पीढ़ी में जज़्बा कायम रखने की कोशिश भी करनी चाहिए, ताकि विद्यार्थी अपनी मंजिल तक आगे बढ़ सकें।
अंजुमन ख़ैरुल इस्लाम गर्ल्स हाईस्कूल, विक्रोली की प्रिंसिपल मोहतरमा शीरीन नज़ीब श़ेख ने कहा कि इंटरनेट से हमें कभी-कभी गलत जानकारी हासिल होती है, इसलिए हमेशा किताब पढ़नी चाहिए, किताब हमारे जेहन को खोलती है। किताब पढ़ने से हमारी सोच बढ़ने लगती है, नये विचार मिलते हैं व हमें आगे बढ़ने का रास्ता अपने आप ही मिल जाता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में 'सभा' की परीक्षा अधीक्षक प्रभावती दाभोलकर ने उपस्थित सभी महानुभावों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस प्रचारक शिविर का उद्देश्य यही है कि सभी शिक्षक यानी प्रचारक एक साथ एक स्थान पर मिलें। वे अपने नये विचार, सुझाव एक दूसरे प्रचारक के साथ बाँटें तथा अपनी कक्षा की पढ़ाई में इस नये विचार को कार्यान्वित कर विद्यार्थियों का उत्तम मार्गदर्शन कर सकें। विद्यार्थियों को एक नयी दिशा की ओर लेकर चल सकें।
उपस्थित सभी प्रचारकों ने अपने-अपने विचार व सुझाव प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन ज़नाब अली अब्बास रिजवी ने किया तथा अपनी आशुकविता के माध्यम से सभी महानुभावों के प्रति आभार प्रदर्शित किया।
5-1-2019 को 'हिन्दुस्तानी प्रचार सभा' द्वारा संचालित मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली के सहयोग से 'हिन्दी मेला' का आयोजन किया गया।
'सभा' की विशेष कार्य अधिकारी डॉ. सुशीला गुप्ता ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि 'मेला' यानी मिलना। हिन्दी मेले में विद्यार्थी तथा शिक्षक सभी एक साथ मिलते हैं। शिक्षक व विद्यार्थियों की साल-भर की पढ़ाई में शिक्षा का आदान-प्रदान हो जाता है, पर 'हिन्दी मेला' में मार्गदर्शन के आधार पर विद्यार्थियों को अपने विषय की अधिक जानकारी मिलती है।
जनाब ज़ाकिर हुसैन ने 'सभा' द्वारा संचालित 'तीसरी' परीक्षा की पाठ्यपुस्तक 'राष्ट्रभाषा भारती' के गद्य भाग के बारे में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए सभी अध्यायों को ब्योरेवार समझाया और विद्यार्थियों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए उनका मार्गदर्शन किया।
जनाब सऱफराज़ अहमद रिज़वी ने 'हिन्दी व्याकरण' का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि व्याकरण से ही हम भाषा की शुद्धता को समझ सकते हैं, लिख सकते हैं, पढ़ सकते हैं। उन्होंने कोर्स में सम्मिलित व्याकरण के नियमों को विस्तार से समझाया।
श्रीमती संध्या पाण्डेय ने पाठ्यपुस्तक के पद्य भाग पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि पद्य यानी कविता, लय। कोई भी कविता व्यक्ति के दिल व दिमाग़ को छू जाती है। प्रत्येक कविता को मन की गहराई में उतारते हुए उसे ग्रहण करने का प्रयास करना चाहिए।
श्रीमती सुवर्णा परब ने मराठी विषय में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि आप पाठ्यक्रम में दिये गये गद्य व पद्य भाग को ठीक तरह पढ़कर प्रत्येक शब्द को समझें, शब्द के अर्थ को समझें, फिर उसी को अपने शब्द व वाक्य में लिखने का प्रयास करें। परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न को समझकर लिखिए।
जनाब जव्वाद हसन धनसे ने उर्दू विषय के बारे में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि आप पाठ्यक्रम में दी गई विविध विधाओं को समझें व ख़ुद ही लिखने का प्रयास करें। परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न को समझकर ही उसका उचित उत्तर लिखें। भाषा के शब्द को यदि उससे संबंधित पर्यायवाची शब्द को जोड़कर लिखते हैं तो भाषा अधिक सरल व ख़ूबसूरत बनती है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में 'सभा' की परीक्षा अधीक्षक प्रभावती दाभोलकर ने उपस्थित महानुभावों का स्वागत किया व 'सभा' का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि 'सभा' द्वारा संचालित 'तीसरी' परीक्षा (10वीं हिन्दी विषय के समकक्ष) है। हमारी 'सभा' में विभिन्न केन्द्राsं के विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं तथा उच्च गुण लेकर सम्मानित होते हैं। इस परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों को उनके विषय-संबंधी विद्वानों द्वारा मार्गदर्शन मिले, यही उद्देश्य इस 'हिन्दी मेला' का है। कार्यक्रम के प्रारंभ में उन्होंने सभी शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
श्री रईस अंसारी ने कार्यक्रम का संचालन किया व उपस्थित सभी महानुभावों के प्रति आभार प्रदर्शित किया।
The second Vyngy Sangrah [collection of satires] of Sanjiv Nigam, our Director [Programme] and a prominent Hindi writer was released in the Dakshin Bhartiy Hindi Sahitya Sammelan held recently.
A seminar was organised on 'Secularism – Corner stone of our Democracy' in Bangalore on 27-28th December, 2018 in which 9 prominent speakers spoke on various related topics. Most of the speakers were non Hindi speaking but they conveyed their views in Hindustani or Hindi - English mix language. The participants also spoke in Hindustani. Two main speakers were Shamim Tariq, a prominent writer and journalist and Mr Babu Matthew, a prominent thinker, writer and Constitution Expert.
A literary programme was organised on 8th December, 2018 in the presence of the renowned Hindi writer from Mauritius Raj Heeramun. In the first part, Raj Heeramun spoke about the language scenario in Mauritius and the position of Hindi there. In the second part, a Kavi Goshthi of Hindi–Urdu poets was organised in which around 10 poets recited their poems.
Sanjiv Nigam, Director [Programme] visited Bhopal to meet the DG [Prisons], Madhya Pradesh regarding opening of libraries in the central prisons of Madhya Pradesh. He was accompanied by Rakesh Kumar Tripathi, Project Coordinator. The proposal was heartily welcomed by the prisons authorities. On the request of the DG, they also visited the newly built Central Jail of Bhopal to inspect the place for the library.
A programme was organised on 20th November, 2018 in association with an NGO working to help the victims of child sexual abuse. Some of the very prominent persons in social life took part in this discussion programme including film actress Kalki Coechlin and noted painter Brinda Miller.
Mr. Feroze Patch, Trustee & Hon Secretary was the guest of honour while Ms. Insia Dariwala of the NGO was the main coordinator. An exhibition was also organised along with the discussion.
Inauguration of libraries established by the HPS in the Central Prisons of Rajasthan was done on 19th November, 2018 at the Central Prison, Jaipur in the presence of Director General of Prisons, Rajasthan and Sanjiv Nigam, Director [Programme], Hindustani Prachar Sabha. The ribbon cutting was done at the hands of a prisoner who is very fond of reading. Senior police officials and Rakesh Kumar Tripathi, Project Coordinator were also present on the occasion.