31 मार्च 2018 को परीक्षा विभाग का वार्षिक कार्यक्रम सभा के परिसर में आयोजित किया गया।
16 मार्च 2018 को , श्री फ़िरोज़ पैच ने श्री संजीव निगम तथा श्री राकेश त्रिपाठी के साथ एक एन जी ओ ' सहियो ' द्वारा महिलाओं से जुड़े सामाजिक विषयों पर आयोजित एक सेमिनार में भाग लिया। इस सेमिनार को कई महत्वपूर्ण लोगों ने सम्बोधित किया था। इस सेमिनार से काफी जानकारी हासिल हुई।
सभा की एक टीम ने 4 व 5 जनवरी 2018 को पटना का दौरा किया था। इसका उद्देश्य था बिहार के पुलिस महानिरीक्षक (जेल) के साथ मुलाकात। संजीव निगम ने पुलिस अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया। उनके साथ सभा के राकेश कुमार त्रिपाठी भी थे। पुलिस अधिकारी इस प्रस्ताव पर बहुत प्रसन्न थे तथा उन्होंने पूरे सहयोग का वादा किया।
सभा के परीक्षा विभाग द्वारा सरल हिन्दी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए एक हिन्दी मेला का आयोजन दिनांक 6 जनवरी 2018 को किया गया था।
12 जनवरी 2018 को पंचगनी के सेंट पीटर्स स्कूल में सभा द्वारा पंचगनी, महाबलेश्वर तथा वाई के स्कूलों के लिए एक अन्तरविद्यालय वक्तृत्व स्पर्धा का आयोजन किया गया जिसमें 11 स्कूलों से 25 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था। यह उस इलाके में किसी संस्था द्वारा आयोजित पहली हिन्दी वक्तृत्व स्पर्धा थी। भाग लेनेवाले ज्यादातर स्कूल अन्तरराष्ट्रीय थे।
13 जनवरी 2018 को सभा ने एक और प्रथम प्रयास किया ‘भाषायी संगम’ का आयोजन करके। सेंट पीटर्स स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में 9 भाषाओं के 20 रचनाकारों ने हिन्दुस्तानी के माध्यम से अपनी रचनाओं की प्रस्तुति की। इस कार्यक्रम को मराठी तथा हिन्दी समाचार पत्रों में काफी कवरेज प्राप्त हुआ।
20 जनवरी 2018 को आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. सुशीला गुप्ता द्वारा संपादित ‘पुस्तक संस्कृति पर गहराता संकट’ पुस्तक का विमोचन हुआ।
सभा द्वारा आयोजित अखिल भारतीय हिन्दी निबंध प्रतियोगिता के अंतिम दौर का आयोजन 2 तथा 3 फरवरी 2018 को किया गया था। विजेताओं को 3 फरवरी 2018 को आयोजित समारोह में पुरस्कृत किया गया।
पहली बार सभा ने रचनात्मक लेखन पर एक सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें 2 कॉलेजों से 33 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का संचालन संजीव निगम द्वारा किया गया जो कि स्वयं एक जाने-माने रचनात्मक लेखक हैं।
17 व 18 फरवरी 2018 को ‘महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराध’ विषय पर सभा द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यह एक ऐसा विशिष्ट आयोजन था जैसा अभी तक देश में किसी अन्य भाषायी संगठन द्वारा नहीं किया गया है। इस सम्मेलन में कानून, मीडिया, चिकित्सा, शिक्षा, मनोरंजन, समाज सेवा, वित्त आदि विषयों से जुड़े विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। सम्मेलन का उद्घाटन उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश सुजाता मनोहर ने किया था।
26 फरवरी 2018 को संजीव निगम ने राकेश कुमार त्रिपाठी के साथ कोल्हापुर केंद्रीय कारागृह का दौरा किया। प्रसन्नता की बात है कि सभा द्वारा वहाँ स्थापित पुस्तकालय सुचारू रूप से चल रहा है तथा कैदियों के जीवन में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
27 फरवरी 2018 को उन्होंने गोवा में वहाँ के आईजी (जेल) से मुलाकात की तथा गोवा केन्द्राrय कारागार का विधिवत उद्घाटन हुआ।
उसी दिन उन्होंने म्हापसा में गोवा केंद्रीय कारागृह का दौरा भी किया तथा पुस्तकालय का निरीक्षण किया। वहाँ पर पुस्तकालय बहुत व्यवस्थित है।
28 दिसंबर 2017 को श्री संजीव निगम और श्री राकेश कुमार त्रिपाठी ने आंध्र प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के बुलावे पर विजयवाड़ा जाकर उनसे मुलाक़ात की और पुस्तकालय प्रोजेक्ट की जानकारी दी। इस प्रस्ताव पर पुलिस अधिकारी बहुत प्रसन्न हुए तथा फ़ौरन अपनी मंजूरी दे दी।
श्री संजीव निगम ने श्री राकेश कुमार त्रिपाठी के साथ 22 दिसंबर 2017 को रायपुर का दौरा किया। इस दौरे में उन्होंने छत्तीसगढ़ के केंद्रीय कारागारों में पुस्तकालय खोलने के सम्बन्ध में वहां के डी आई जी, कारागार से मुलाक़ात की। इस प्रस्ताव पर पुलिस अधिकारियों ने बड़ी प्रसन्नता जाहिर की और तुरंत अपनी सहमति व्यक्त की। उन्होंने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
16 दिसंबर 2017 को मुंबई के पब्लिक स्कूलों के हिंदी अध्यापकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें उन्हें व्याकरण की बारीकियों के बारे में समझाया गया। इस कार्यशाला में डॉ सुशीला गुप्ता मुख्य वक्ता थीं। डॉ. मंजुला देसाई ने भी एक सत्र लिया था. इस कार्यशाला में काफी संख्या में अध्यापकों ने भाग लिया था। कार्यशाला में नवभारत टाइम्स के सम्पादक श्री सुन्दरचंद ठाकुर मुख्य अतिथि थे जबकि सभा के न्यासी तथा मानद सचिव श्री फ़िरोज़ पैच ने अध्यक्षता की थी।
श्री फिरोज़ पैच के नेतृत्व में सभा की टीम ने 5 दिसंबर 2017 को राजकोट केंद्रीय कारागार का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य सभा द्वारा उस जेल में स्थापित पुस्तकालय का निरीक्षण करना था। सभा की टीम ने वहां के जेल अधिकारियों तथा कुछ कैदियों के साथ चर्चा की। यह प्रसन्नता की बात है कि अनेक कैदी उस पुस्तकालय का लाभ उठा रहे हैं। सभी रिकॉर्ड भली भाँती रखे गए हैं। इस दौरे पर श्री पैच के साथ श्री संजीव निगम तथा श्री राकेश कुमार त्रिपाठी भी थे।