20 जनवरी 2018 को आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. सुशीला गुप्ता द्वारा संपादित ‘पुस्तक संस्कृति पर गहराता संकट’ पुस्तक का विमोचन हुआ।
सभा द्वारा आयोजित अखिल भारतीय हिन्दी निबंध प्रतियोगिता के अंतिम दौर का आयोजन 2 तथा 3 फरवरी 2018 को किया गया था। विजेताओं को 3 फरवरी 2018 को आयोजित समारोह में पुरस्कृत किया गया।
पहली बार सभा ने रचनात्मक लेखन पर एक सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें 2 कॉलेजों से 33 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का संचालन संजीव निगम द्वारा किया गया जो कि स्वयं एक जाने-माने रचनात्मक लेखक हैं।
17 व 18 फरवरी 2018 को ‘महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराध’ विषय पर सभा द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यह एक ऐसा विशिष्ट आयोजन था जैसा अभी तक देश में किसी अन्य भाषायी संगठन द्वारा नहीं किया गया है। इस सम्मेलन में कानून, मीडिया, चिकित्सा, शिक्षा, मनोरंजन, समाज सेवा, वित्त आदि विषयों से जुड़े विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। सम्मेलन का उद्घाटन उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश सुजाता मनोहर ने किया था।
26 फरवरी 2018 को संजीव निगम ने राकेश कुमार त्रिपाठी के साथ कोल्हापुर केंद्रीय कारागृह का दौरा किया। प्रसन्नता की बात है कि सभा द्वारा वहाँ स्थापित पुस्तकालय सुचारू रूप से चल रहा है तथा कैदियों के जीवन में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
27 फरवरी 2018 को उन्होंने गोवा में वहाँ के आईजी (जेल) से मुलाकात की तथा गोवा केन्द्राrय कारागार का विधिवत उद्घाटन हुआ।
उसी दिन उन्होंने म्हापसा में गोवा केंद्रीय कारागृह का दौरा भी किया तथा पुस्तकालय का निरीक्षण किया। वहाँ पर पुस्तकालय बहुत व्यवस्थित है।
28 दिसंबर 2017 को श्री संजीव निगम और श्री राकेश कुमार त्रिपाठी ने आंध्र प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के बुलावे पर विजयवाड़ा जाकर उनसे मुलाक़ात की और पुस्तकालय प्रोजेक्ट की जानकारी दी। इस प्रस्ताव पर पुलिस अधिकारी बहुत प्रसन्न हुए तथा फ़ौरन अपनी मंजूरी दे दी।
श्री संजीव निगम ने श्री राकेश कुमार त्रिपाठी के साथ 22 दिसंबर 2017 को रायपुर का दौरा किया। इस दौरे में उन्होंने छत्तीसगढ़ के केंद्रीय कारागारों में पुस्तकालय खोलने के सम्बन्ध में वहां के डी आई जी, कारागार से मुलाक़ात की। इस प्रस्ताव पर पुलिस अधिकारियों ने बड़ी प्रसन्नता जाहिर की और तुरंत अपनी सहमति व्यक्त की। उन्होंने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
16 दिसंबर 2017 को मुंबई के पब्लिक स्कूलों के हिंदी अध्यापकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें उन्हें व्याकरण की बारीकियों के बारे में समझाया गया। इस कार्यशाला में डॉ सुशीला गुप्ता मुख्य वक्ता थीं। डॉ. मंजुला देसाई ने भी एक सत्र लिया था. इस कार्यशाला में काफी संख्या में अध्यापकों ने भाग लिया था। कार्यशाला में नवभारत टाइम्स के सम्पादक श्री सुन्दरचंद ठाकुर मुख्य अतिथि थे जबकि सभा के न्यासी तथा मानद सचिव श्री फ़िरोज़ पैच ने अध्यक्षता की थी।
श्री फिरोज़ पैच के नेतृत्व में सभा की टीम ने 5 दिसंबर 2017 को राजकोट केंद्रीय कारागार का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य सभा द्वारा उस जेल में स्थापित पुस्तकालय का निरीक्षण करना था। सभा की टीम ने वहां के जेल अधिकारियों तथा कुछ कैदियों के साथ चर्चा की। यह प्रसन्नता की बात है कि अनेक कैदी उस पुस्तकालय का लाभ उठा रहे हैं। सभी रिकॉर्ड भली भाँती रखे गए हैं। इस दौरे पर श्री पैच के साथ श्री संजीव निगम तथा श्री राकेश कुमार त्रिपाठी भी थे।
सभा ने 2 दिसंबर 2017 को ' अपने प्रिय लेखक से मिलें कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें जापान के प्रसिद्ध हिंदी विद्वान प्रो. तोमियो मिज़ोकामी ने जापान-भारत के संबंधों तथा हिंदी पर अपने अनुभवों को साझा किया। इस कार्यक्रम में हिंदी के विद्वान् तथा छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संयोजन डॉ सुशीला गुप्ता तथा डॉ. रीता कुमार ने किया।
The release function of the Hindi English Verb Dictionary was a grand success. The presence of the Honourable Governor of Goa Mrs. Mridula Sinha , who is a well known Hindi author, and other scholars made this occasion memorable. Now , we are looking forward to the next big event that is a 3 day conference from 2nd to 4th October 2017. This will be an International Conference in which delegates are coming from South Africa, Mauritius and also from the various parts of the country.We are also taking our activities to other centres and this year we are having elocution competitions in various districts of Maharashtra, Belgaum in Karnatka and Ahmedabad in Gujarat.
On 19th August 2017 a grand function was organised at Indian Merchants Chamber Hall, Churchgate to release the Hindi English Dictionary published by the HPS. The dictionary was released by the Hon. Governor of Goa, Mrs. Mridula Sinha in the presence of Mr. Satish Shah, Trustee & President, HPS, Mr. Francis Matthew, Trustee, HPS, Mr. Feroze Patch, Trustee & Hon. Secretary, HPS and other dignitaries . Three prominent scholars namely Dr Indra Nath Chaudhry, Dr Surya Prasad Dixit and Dr Suresh Rituparna presented their views on the dictionary. The author of the dictionary Dr Sushila Gupta spoke about her experiences while doing this project.
A big gathering of scholars and other prominent persons attended the function which was the major function to celebrate the 75 th year of the HPS.
HPS organised elocution competitions for the students of the colleges in Dhule and Latur on 4th August and 23rd August 17 respectively. At both the places, it was informed that HPS is the first organisation which has organised Hindi Elocution competitions in those areas. Dhule competition covered the nearby areas of Nandurbaar, Shirgaon and Chalisgaon.
At both the places students participated enthusiastically . Local media gave good coverage to the events.
At local level, Elocution Competition was organised in two colleges of Mumai SVKM, Vile Parle and one in Dombilvali on 1st August 2017 and 23rd August 2017 respectively.
हमारे लिए यह अत्यंत संतोष की बात है कि हमारा प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट “हिन्दी-अंग्रेजी क्रिया कोश’’ पूरा हो गया है। बहुत जल्द ही हम इसका लोकार्पण करने वाले हैं। जैसा कि आप जानते होंगे कि यह विश्व का दूसरा हिन्दी-अंग्रेजी क्रिया कोश है और भारत में बनने वाला तो यह पहला ही इस प्रकार का कोश है। देखा जाए तो सभा ने वह कार्य कर दिखाया है जिसके बारे में दूसरे लोगों के लिए सोचना भी मुमकिन नहीं है। अगले महीने इस कोश के लोकार्पण की योजना है। उस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित रहने के लिए मैं आपको निमंत्रित करता हूँ। हमें केंद्रीय कारागारों में पुस्तकालय की अपनी योजना के लिए बहुत अच्छा समर्थन मिल रहा है। महाराष्ट्र की जेलों के बाद अब गुजरात के चार केंद्रीय कारागारों में शीघ्र ही पुस्तकालय शुरू हो जायेंगे। मुझे आपको यह बताते हुए भी अत्यंत खुशी है कि हमें गोवा के केंद्रीय कारागार में भी पुस्तकालय खोलने की अनुमती भी अभी-अभी प्राप्त हुई है।