हिन्दुस्तानी प्रचार सभा, मुंबई द्वारा आयोजित द्वि दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में सभा हिन्दुस्तानी ज़बान पत्रिका के अपने नवीन अंक "कैदी विशेषांक " के रूप में प्रकाशित किया है जिसमें देश के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों द्वारा लिखी गयी रचनाओं को प्रकाशित किया गया है। यह देश में पहली बार है जब किसी पत्रिका ने इस प्रकार का प्रयास किया है और जेल में सजा भोग रहे लोगों को अपनी लेखन प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। इस विशेषांक का लोकार्पण मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सत्यनारायण धर्माधिकारी के हाथों किया गया। इस अवसर पर मणिभवन की निदेशक डॉ. उषा ठक्कर, महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ महानिरीक्षक कैसर खालिद तथा सभा के न्यासी श्री सतीश शाह, श्री फ्रांसिस मैथ्यू, श्री फिरोज पैच और श्री अरविन्द डेगवेकर के साथ साथ पत्रिका के संपादक श्री संजीव निगम विशेष रूप से मौजूद थे।
सभा द्वारा गाँधीजी के 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में हिन्दुस्तानी प्रचार सभा द्वारा गाँधीजी के प्रिय विषयों पर आयोजित 4 संगोष्ठियों की श्रृंखला में अंतिम सेमिनार था। जिसमें अहिंसा से जुड़े विभिन्न प्रकार के सामजिक, राजनैतिक, घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही अहिंसा के सम्बन्ध में अपने विचार रखने के लिए अनेक विद्वानों को आमंत्रित किया गया था। जिसमें प्रो. उपुल रंजीथ, केलानिया यूनिवर्सिटी, श्रीलंका, डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र, सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार, देहरादून, श्री अख्तरुल वासे, अध्यक्ष मौलाना आजाद विश्वविद्यालय, जोधपुर, डॉ. चंद्रकुमार जैन, विभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय, डॉ. शीतला प्रसाद दुबे, कार्याध्यक्ष, महाराष्ट्र हिन्दी साहित्य अकादमी, डॉ. सुनीता साखरे, विभागाध्यक्ष, एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय, श्री सुहैल अख्तर खान, कवि व लेखक (उर्दू), डॉ. आर. के आनंद, बालचिकित्सा विशेषज्ञ, श्री सरफराज आरजू, संपादक, रोजनामा हिन्दुस्तान, श्री मोहम्मद वजीहुद्दीन, वरिष्ठ पत्रकार टाइम्स ऑफ इंडिया, डॉ. रुक्षेदा सैय्यदा, प्रसिद्ध मनोचिकित्सक, डॉ. राजेन्द्र पोवार, विभागाध्यक्ष, आरपीडी कॉलेज बेलगाम, डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, अध्यक्ष हिन्दी विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय, श्री शाहिद लतीफ, संपादक, इंकलाब डॉ. मंगला जोशी, मीडिया व फिल्म इत्यादि विद्वानों ने अपने वक्तव्य के द्वारा लोगों के मन पर अहिंसा के संबंध में अपने विचार प्रकट किये।